धार्मिक दंगा से बचा जा सकता है ?
www.cg24times.com(ई-पेपर)संपादक-राजूसिंह(बी.जे.एम.सी.)बिलासपुर-
अगर जनप्रतिनिधि सक्षम हो तो धार्मिक दंगा से बचा जा सकता है इसका उदाहरण महमंद ग्राम पंचायत है ज्ञात हो कि विगत में यहाँ स्थित हनुमान मंदिर व शिव मंदिर में रात्रि में तोड़ फोड़ किया गया था तथा उसी दिन सुबह 6 बजे लगभग 150 बाइक सवार मंदिर के परिसर में जमा होने लगे व जय श्रीराम के नारे लगाने लगे | महमंद ग्राम पंचायत में रहने वाले मुसलमान परिवारों को सबक सिखाने वहां जाने की बात करने लगे | पूरा माहौल बन गया कि मुसलमान को सबक सिखाना ही है ताकि हिन्दू और उनके मंदिर सुरक्षित रहे | जब ये बात उपसरपंच नागेन्द्र राय को पता चला तो तत्काल ही अपने एकता पेनल के सदस्यों को ले कर मंदिर परिसर में जा कर मोटर सायकल सवारों से पुछा की आपको इतने सुबह कैसे पता चला की मंदिर में तोड़फोड़ कि गई है ?
सायकल सवारों ने बताया कि वाट्सअप के माध्यम से उन्हें सुचना मिली तब वो हिन्दुओं की रक्षा करने जान हथेली में लेकर आये हैं | तब उपसरपंच नागेन्द्र राय उन्होंने युवाओं को समझाया की गाँव में जब किसी को रात की घटना का कोई पता नही है, तो बाहर वालों को कैसे पता चला ? इससे यह स्पस्ट हो गया कि मंदिर में तोड़फोड़ मुसलमान ने नही किया | जिसने आपको मंदिर में तोड़फोड़ की सुचना दिया उसने ही करवाया है इस कारण उसे तुरंत पता चला व आपको मुसलमानों को सबक सिखाने बुलवाया |
ये बात युवाओं को भी समझ में आ गया और व बिना किसी उपद्रव के वापस बिलासपुर शहर व आसपास अपने घर चले गये | अगर उपसरपंच नागेन्द्र राय ने तत्परता से समझदारी नहीं दिखाई होती तो बिलासपुर जिला में भी धार्मिक दंगा का कलंक लग जाता व कई युवाओं को अपराधी के रूप में अपना शेष जीवन जेल में बिताना पड़ता |
उपसरपंच नागेन्द्र राय ने भारत के गौरव शाली परम्परा के बारे में कहा कि साधू (योगी) आगे चलते थे राजा (प्रधानमंत्री) उसके पीछे चलते थे | यही गौरव शाली परम्परा भारत की सदियों से रहा है |
परन्तु भारतीय जनता पार्टी इसका उल्टा कर रहा है योगी जी को प्रधानमंत्री (राजा ) के पीछे चलना पड़ता है जो की लज्जाजनक है | साथ में भारतीय परम्परा नारियों को प्रथम स्थान देने का रहा है इस कारण
राधा- कृष्ण ,सीता- राम कहते है | परन्तु भाजपा जो अपने को हिन्दू परम्परा का रक्षक कहते है वो जय श्री राम के नारे लगा क्रर सीता- राम कहने की परम्परा का भक्षक बन कर राजनैतिक रोटियां सेक रहें हैं |