राजेश कश्यप (विधिक सलाहकार) www.cg 24 times.com (संपादक राजू सिंह /टी.बी. सिंह BJMC)-बिलासपुर छ.ग. - भारतीय मतदाताओं का रुझान नोटा के प्रति बढ़ता जा रहा है ,जो लोकतंत्र के लिए खतरा होने के साथ धब्बा भी है | नोटा E.V.M.व राजनैतिक प्रत्याशी के प्रति गुस्से का प्रकटीकरण है | नेताओं का जनता के प्रति उत्तरदायित्व न होने के साथ उनका दल बदलना जनता को मायूस कर रहा है | जिसके कारण नोटा को विकल्प के रूप में जनता मतदान कर रही है |
भारतीय चुनाव आयोग द्वारा नोटा को प्रयोग में लाने से भारतीय मतदाताओं को यह लाभ मिला कि अगर सभी प्रत्याशी को अपने वोट के काबिल नहीं समझता है तो वह नोटा विकल्प का प्रयोग कर सकता है | जिसके कारण अगर नोटा का वोट अधिक होता है तो उक्त चुनाव निरस्त माना जाएगा व पुन: वहां चुनाव होगा | जिसके कारण राजनैतिक पार्टियों को जनता के हित में काम करने वाले नेताओं को टिकट देने का दबाव बन रहा है | राजनैतिक पार्टियों ने जनता के हित में काम नहीं किया तो जनता नोटा में ही मतदान करने का विकल्प चुनेगी जो लोकतंत्र के साथ राजनैतिक पार्टियों के लिए घातक सिद्ध होगा |
भारतीय संविधान के अनुछेद 21/3 और 25/ब में गोपनीय वोट का बैलेट पेपर के माध्यम से मत प्रगटीकरण का प्रावधान करती है धारा 79/द लोक प्रतिनिधित्व और धारा128 गोपनीय मतदान की व्यवस्था करती है व अनुच्छेद 324 बैलेट पेपर में मतदान का उल्लेख करती है | भारतीय जनता के लिए बैलेट पेपर के माध्यम से वोट देना संविधान द्वारा प्रदत्त संवेधानिक अधिकार है जिसे EVM के द्वारा छीन लिया गया है |जिस प्रकार अंग्रेजो को भागने के लिए आन्दोलन किये थे जान की बाजी लगाई थी ठीक उसी प्रकार बैलेट पेपर के माध्यम से वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने पुन: आन्दोलन जान की बाजी लगा कर करना पड़ेगा |क्योंकि जब तक बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव नहीं होंगे तब तक निष्पक्ष चुनाव की कल्पना भी नही किया जा सकता है | EVM मशीन का निर्माण जिस देश ने किया उपयोग वो देश भी नहीं करती | उनका कहना है की इससे निष्पक्ष चुनाव नहीं किया जा सकता | विश्व के विकसित देश अमेरिका , जापान ,जर्मन , आस्ट्रेलिया,आदि कोई भी देश EVM का उपयोग अपने देश के चुनाव में नहीं करता | EVM को जिसकी लाठी उसकी भैस मानी गई है ,अर्थात जो पार्टी तकनिकी व राज्य शक्ति से समर्थवान है वो EVM को प्रभावित कर सकता है | इस कारण निष्पक्ष चुनाव के लिए EVM के बदले बैलेट पेपर से चुनाव करवाना देश व जनता के हित में होगा | अगर EVM का उपयोग शीघ्र बंद नहीं किया गया तो विजयी पार्टी के नेता जनता के लिए काम नहीं करेंगे उनको पता है कि वोट उनको जनता से नहीं मिला है EVM से मिला है | इस कारण देश हित के लिए फिर एक बार EVM को हटा कर बैलेट पेपर से चुनाव करवाने पुरे देश की जनता को आजादी की आन्दोलन की तरह फिर आन्दोलन करना जरूरी है | वरना जिस प्रकार हमारी विगत पीढ़ी सात सौ साल मुगलों दो सौ साल अंग्रेजो का गुलाम रही ठीक उसी प्रकार हमारी आने वाली पीढ़ी दशकों तक EVM के द्वारा विजयी हो कर सत्ता में आये नेताओं के गुलाम होंगे |