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ग्राम पंचायत महमंद- के नशा सौदागरों  में खौफ आ गया व शांति स्थापित हो गई - उपसरपंच नागेन्द्र राय

wwwcg24times.com December 09, 2022

ग्राम पंचायत महमंद- के नशा सौदागरों  में खौफ आ गया व शांति स्थापित हो गई - उपसरपंच नागेन्द्र राय  

 एक प्रसिद्ध कहावत है जिस देश की जनता जैसी होगी उनका राजा (नेता) भी वेसा ही होगा और उनका विकास भी वैसा ही होगा |  यह कहावत चरितार्थ होती है बिलासपुर से लगा एक ग्राम पंचायत महमंद  में ,इस ग्राम पंचायत में आजादी के 70 सालों बाद भी  इस गांव में सी.सी. रोड तक नही बना था | इस इस गांव  से लोग शादी का  रिश्ता रखना तक पसंद नही करते थे | इसी गाँव का एक भाग लाल खदान तो नशा ,असामाजिक कार्यो के लिए ही जाना जाता था | इसे आतंक का   दूसरा नाम से जाना जाता था कहना भी अतिशोक्ति नहीं होगी |

कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि ऐसा ग्राम पंचायत को कोई नेता सुधार  सकता है वहां भी नशा बंदी हो सकती है | लोग शांति के साथ जीवन यापन कर सकते है |  कच्ची  गली की सडकें भी कंक्रीट की बन  सकती है | किसी  ग्राम पंचायत  कि तस्वीर कैसे  नेता बदल सकता है वर्तमान उपसरपंच नागेन्द्र राय  ने इस असंभव कार्य को कर दिखाया है हर नेता को इनसे प्रेरणा लेना चाहिए व एक बार  ग्राम पंचयत महमंद  एक  बार जरुर जाना चाहिए |

पूर्व सरपंच नीरज राय जी के कार्यकाल में ग्राम पंचायत महमंद की हालत बदतर थी ,आतंक इतना अधिक था कि लोग उनके पास अपनी समस्या ले कर जाने डरते थे | अपने को खुदा से कम नहीं समझते थे, उनके कार्यकाल में हमारे प्रतिनिधि पत्रकार ने उनसे मिलने का प्रयास किया तो उन्होंने समय नहीं दिया ,मोबाईल में ठीक से बात तक करना उचित नहीं समझा  | कोई पत्रकार छोटा बड़ा नही होता जिसके पास पत्रकारिता की डिग्री होने के साथ कलम में लिखने की ताकत होती है वही बड़ा पत्रकार होता है ,ऐसे पत्रकार को खोजी पत्रकार  कहते है ,बड़े बड़े घोटाले ऐसे ही पत्रकारों ने पर्दाफाश किया है | इस लिए पत्रकारों को कलम का सिपाही कहते है | पत्रकारिता पेट भरने का माध्यम नहीं वरन सफेदपोशों को बेनकाब करने का एक माध्यम है ,बिना पत्रकारिता के डिग्री के पत्रकार ने इसे उगाही का साधन बना लिया है | जिसके कारण डिग्री धारी पत्रकारों की शाख- छवि ख़राब हो रही है | इसी कारण पूर्व सरपंच ने एक डिग्री धारी पत्रकार के साथ वही व्यवहार किया जो 10 -12  तक शिक्षित पत्रकार के साथ करता था |  विगत चुनाव में  पूर्व सरपंच होते हुए भी एक सामन्य व्यक्ति कुंदन पासी  से पराजित होकर अर्श से फर्श तक पहुंच गये |

कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विजयी होने के बाद सरपंच व उपसरपंच के  दिशानिर्देशन व पंचों के सहयोग से आज पंचायत महमंद की समस्त सड़के कंक्रीट हो चुकी है | नालीयां भी गुणवत्ता पूर्ण बनी है ,जिसके कारण अन्य गांव की तरह नाली का पानी रोड में नही बहता  है | स्कुल  की हालत भी अच्छी हो गई  | परन्तु मूल समस्या  लाल खदान का नशा ,असामाजिक कार्यो को समाप्त करना था, इसके लिए उपसरपंच नागेन्द्र राय ने पुरे गांव का गुप्त रूप से सर्वेक्षण करवाया जिसमें 86 व्यक्ति नशा का कारोबार करते  पाए गये |

पुलिस अधीक्षक बिलासपुर  से मिल कर सभी नशा कारोबारियों को थाने  में बुलवाया  गया व उनसे शपथ पत्र भरवाया गया कि भविष्य में नशा का कारोबार नही करेंगे तथा उन्हें घर चलाने के लिए कोई दूसरा  व्यापार करने आर्थिक सहयोग प्रदान उपसरपंच  नागेन्द्र राय ने  किया | नशा का कारोबार बंद होने के कारण अपराध कम हो गया|  आदतन अपराधी जो नहीं सुधरे जिनके डर से  कोई उनके खिलाफ कोई गवाही नहीं देता था जिसका फायदा उठा कर अपराधी  सजा  से बच जाते थे  |इस समस्या का समाधान करने के लिए  उपसरपंच  नागेन्द्र राय ने सक्षम जनप्रतिनिधियों को गवाह  बनने के लिए प्रेरित किया | जिसके कारण  अपराधी उन्हें डरवा कर अपने पक्ष में गवाही नही करवा सके व गवाही के आधार पर अपराधियों को सजा होने लगी | वर्तमान में 14 अपराधी लाल खदान के जेल अंदर है | इससे  अपराधियों में खौफ आ गया व यहाँ भी शांति स्थापित हो गई |

 

 

 

 

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