9391313614

पुलिस से अधिक मोपका - सरकंडा  कबाडियों के हौसले बुलंद ?

wwwcg24times.com August 13, 2023

             पुलिस से अधिक मोपका - सरकंडा  कबाडियों के हौसले बुलंद ?

  wwwcg24times.com –(On Line Paper) –

                                         मोपका सरकंडा  कबाडियों के हौसले बुलंद इतने है कि मोपका से लेकर सरकंडा थाने तक एक नही कई कबाड़ी दुकान मेन रोड किनारे खोल लिए है  | कबाड़ी धंधे में इतना अधिक फायदा है की अब हर जगह अंदर साइड भी कई दुकान खुल गये है  |  इसका परिणाम यह  हो  गया है कि टमाटर के भाव की तरह लोहे के राड का भाव भी बढ़ गया है  |  क्योकि कबाड़ी दुकान बढ़ जाने के कारण माल की कमी हो गई ,चाहे वह टमाटर हो या लोहा यह बजार का नियम है कि मांग बढ़ी भाव बढ़ा |

बिना लाइसेंस के कबाड़ी दुकान किसके शह पर कुकुरमुत्ता की तरह खुल रहा है ?

                                     कबाड़ी दुकान बढ़ जाने के कारण इन कबाडियों के यहाँ माल पहुचाने वाले बड़े नशेडी युवा और छोटे बच्चे इन कबाडियों के द्वारा दिए गये लालच के कारण सीपत मेन रोड के किनारे नाली में लगे के सीमेंट के स्लेब को तोड़ कर उसका राड़ निकाल कर बेच रहे है  | यहाँ बड़े मजे की बात यह है कि ये कबाडियों के आदमी दिन में तो स्लेब को नही तोड़ते होंगे पब्लिक रहती है , रात में ही तोड़ते होंगे ,जबकि रात में बिलासपुर की दमदार पुलिस गस्त करती है ?

                                  जब रात को मेन रोड के स्ट्रीट लाईट में रोड किनारे  सीमेंट का स्लेब को तोड़ने वाले को बिलासपुर की दमदार पुलिस गस्त करने के बाद भी नही  पकड़ सकती तो किसी  कालोनी में ताला तोड़ कर चोरी करने वाले को  कैसे पकडती होगी विचारणीय प्रश्न है ?  आज कल सुना है हर माह जो पुलिस वाले अच्छा काम करते है उन्हें सम्मानित किया जाता है ठीक उसी प्रकार जिस  पुलिस वालों  के  रात में  गस्त का  गजब का रिजल्ट आएगा उन्हें भी सम्मनित किया जाये  इसका भी प्रस्ताव किया जाये ,ताकि जनता और उच्च अधिकारियों को पता चले की उनकी धाकड़ पुलिस कितना मुस्तेदी से अपना कर्तव्य निभा रही है कि चोरो के हौसले इतने बुलंद है की रोड किनारे के स्लेब को तोड़ने से भी रात की गस्त वाली पुलिस से  नही डर रहे है | छ.ग.बघेल  पुलिस का यू .पी. योगी पुलिस की तरह गजब का खौफ दिख रहा है |

                                  न्यायधानी बिलासपुर में नगर निगम सबसे अधिक अन्याय कर रही है |भारतीय संविधान से देश चलता है ,संविधान में स्पस्ट  लिखा है की सरकार जनता को बुनियादी  सुविधा निशुल्क  प्रदान करे | अगर नही करती है तो कोई भी टैक्स सेवा सुविधा देने के बाद ही लिया जाना चाहिए |
                                    जबकि बिलासपुर  नगर निगम जनता से  टैक्स लेती है पर उसका उपयोग नाली में सीमेंट का स्लेब  आदि लगाने नही करती है  |

जिससे  नगर निगम के उच्च अधिकारीयों के लापरवाही के कारण   मोपका से ले कर सरकंडा तक के नाले में नगर निगम ने कई स्थान में  सीमेंट के स्लेब नही लगाया है  | जिससे वहां की जनता टैक्स देने के बाद भी खुले नाले के कारण  बदबू  मच्छरों से परेशान है |  अगर जनता  अपने पैसो से सार्वजनिक नाली में स्लेब लगाये तो पुलिस की सह पर बिना लाइसेंस के कबाड़ी वालों  अपने आदमीयों से   स्लेब को तुड़वाकर उसका लोहा चोरी करवा रहे है आम जनता किससे शिकायत करें  ?

                                टैक्स लेना नगर निगम का परम  कर्तव्य है ,सार्वजनिक रोड के  नाली को ढकना इनके कर्तव्य से बाहर  का कार्य है |   पुलिस का कार्य निजी और सार्वजनिक सम्पति की सुरक्षा करना है इस कारण रात्रि गस्त होता है पर चोरो के हौसले पुलिस से भी बुलंद हैरात में स्ट्रीट लाईट की रोशनी में  मेंन रोड के नाली में लगे स्लेब को तोड़ने से भी नही डरते | मात्र सीधीसाधी जनता मात्र डरती है  |

                         बिलासपुर की जनता  खुले नाली के कारण बदबू , मच्छरों के प्रकोप से परेशान हो बिलासपुर निगम के उच्च अधिकारियों को क्या लेना देना ? उनको जनता के टैक्स के मिलने वाले वेतन और उपरी कमाई से  मतलब है ,इनके और इनके रिश्तेदार के सम्पति की जाँच होनी चाहिए  |

                       बिलासपुर  नगर निगम  धन्य है मोपका हरिअमृत शादी भवन के आसपास किसी को पानी नही देता पर  बिल जरुर देता है  | पुलिस प्रशासन -नगर निगम के अधिकारीयों के लापरवाही का बदला  आगामी चुनाव में छ. ग. की जनता सरकार बदल कर  दे  तो कोई आश्चर्य नही होगा  |

                        जो शासक अपने अधिकरियों पर नकेल नही रख सकता उसे जनता  सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी यह कटु सत्य है |  दिल्ली में अधिकारीयों के नियुक्ति और स्थान्तरण पर जो युद्ध चल रहा है उसका कारण यही है |  जनता नगर निगम पुलिस आदि के कार्य के आधार पर ही  वोट देती है |

छ.ग. में दिल्ली कि तरह  अधिकारी पर नियन्त्रण किसका हो यह समस्या नही है  |

पर यहाँ के कर्मचारी व उच्च अधिकारी मद मस्त हाथी की तरह  नियन्त्रणमुक्त हो चुके है जो की आगमी चुनाव में सत्ता से बेदखल होने की निशानी है |

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Share This