समाज सेवा मात्र शहर के पूंजीपति मात्र नहीं गाँव के लोग भी करते है
www.cg24 times.com(ई –पेपर )संपादक राजू सिंह /टी.बी.सिंह (बी.जे.एम.सी.) बिलासपुर छ.ग. - समाज में यह धारणा प्रचलित है कि समाज सेवा मात्र शहर के धनी लोग ही कर सकते है | गाँव के लोग समाज सेवा नही कर सकते | गाँव के गरीब लोग तो मात्र दो वक्त कि रोटी का जुगाड़ और दारू में ही उनका जीवन समाप्त हो जाता है |
समाज सेवा मात्र रोटरी क्लब और लायस क्लब वाले पूंजीपति लोग ही कर सकते है | जिसमे गरीब लोग सदस्य ही नहीं बन सकते ,मात्र रईसों को ही सदस्यता मिलती है | इस धारणा को गलत साबित किया है ग्राम बेल मुंडी निवासी टिकेश्वर कौशिक पिता दिलीप कौशिक ने उन्होंने एम.बी.ए. मार्केटिंग व एच.आर. में किया | सर्विस मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में एलेम्बिक फार्मेसी में 2010 से 2016 तक किया |
उसी दौरान बिलासपुर में स्थित स्वामी विवेकानंद मिशन के संपर्क में आये | फिर समाज सेवा का जूनून इतना बढ़ गया कि नौकरी ,परिवार ,सब कुछ छोड़ कर स्वामी विवेकानंद मिशन में अपनी सेवा दिया | इसी सिलसिले में आसाम ,अरुणाचल प्रदेश आदि पूर्वोत्तर राज्यों में तीन वर्षो तक कार्य किया | पारिवारिक कारणों से फिर वापस अपने गृह ग्राम बेल मुंडी आकर पारिवारिक किराना दूकान को चला रहें है | परन्तु स्वामी विवेकानंद मिशन के बिलासपुर कार्यालय पारिजात कालोनी नेहरू नगर में प्रत्येक रविवार को अपना समय देते है ,जहाँ बच्चो को योग ,मार्शल आर्ट्स ,बौद्धिक चर्चा आदि की शिक्षा दे कर भावी पीढ़ी को संस्कारित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहें है |